बजते हुए युद्ध घोष ने उसका सोया हुआ शौर्य जगा दिया।
2.
युद्ध घोष होता तोअट्हास और प्यार मनुहार भी उसी गति से चलता था.
3.
महाभारत काल में सभी योद्धाओं ने युद्ध घोष के लिए अलग-अलग शंख बजाए थे।
4.
प्रोफेसर ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा था कि-यह कृति युद्ध घोष है... विस्फोटक सामग्री है... राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
5.
तत्पश्चात यह भारतीयों में प्रचलित हो गया एवं नेता जी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्दी फौज के युद्ध घोष के रुप में प्रचलित किया गया।
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तत्पश्चात यह भारतीयों में प्रचलित हो गया एवं नेता जी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्दी फौज के युद्ध घोष के रुप में प्रचलित किया गया।
7.
गधे की रेंक दूर दूर तक जाती है तो उसका उपयोग हम युद्ध घोष के लिए करेंगे और गिलहरी दौड़ भाग करने में माहिर है तो हम उसका उपयोग सूचना आदान-प्रदान के लिए करेंगे. ”